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  1. संपूर्ण हिंदी व्याकरण | Complete hindi grammar ncert | एक मात्र वीडियो मे सभी किताबों का ...

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    • व्याकरण किसे कहते हैं?
    • व्याकरण का महत्व क्या है?
    • व्याकरण का जन्म कब हुआ?
    • कौन सी भाषा हिंदी भाषा की जनक और अग्रदूत कही जाती है?
    • हिंदी व्याकरण के जनक कौन है?
    • हिंदी व्याकरण के लेखक कौन है?
    • हिंदी व्याकरण के कितने भेद होते हैं?
    • हिंदी व्याकरण में क्या-क्या आएगा?
    • हिन्दी व्याकरण में सबसे पहले क्या पढ़ें?
    • हिन्दी व्याकरण किसके लिए उपयोगी है?

    किसी भी भाषा को सही तरीके से और शुद्ध रूप से बोलने के लिए, लिखने के लिए और समझने के लिए कुछ नियम होते हैं और उन्हीं नियमों को हम व्याकरण (Grammar) कहते हैं।

    प्रभावी संचार के लिए व्याकरण का ज्ञान होना आवश्यक है। व्याकरण का ज्ञान साक्षरता का एक महत्वपूर्ण घटक है, जो शिक्षा और जीवन के कई क्षेत्रों में सफलता के लिए आवश्यक है। इसका ज्ञान हमें भाषा को अधिक प्रवाह और स्पष्ट पढ़ने और लिखने में मदद करता है, जिससे आप अपने जीवन में सफल हो सकते हैं।

    व्याकरण का जन्म वैदिक काल माना जाता है। सर्वप्रथम संस्कृत व्याकरण का विकास हुआ, जो लिखित रूप में उपलब्ध है। वेदों में संस्कृत भाषा का वर्णन किया गया है जो संस्कृत व्याकरण के उदाहरण है। महर्षि पाणिनि को संस्कृत व्याकरण का पिता माना जाता है, जिन्होंने अपने महेश्वर सूत्रों में संस्कृत भाषा के वर्ण, धातु, प्रत्यय और समास आदि के नियमों को समेटा था।

    हिंदी भाषा की जनक और अग्रदूत तीन भाषाओं को माना जाता है- संस्कृत, प्राकृत और अपभ्रंश भाषा। इन भाषाओं का हिन्दी और हिन्दी व्याकरण (Hindi Grammar) के विकास में सर्वाधिक योगदान है।

    हिन्दी व्याकरण (Hindi Grammar) के जनक ‘दामोदर पंडित’ को कहा जाता है। इन्होंने 12 वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में एक ग्रंथ की रचना की थी जिसे “उक्ति व्यक्ति प्रकरण” के नाम से जाना जाता है ।

    कामता प्रसाद गुरु (1875 -1947 ई.) ने ‘हिंदी व्याकरण’ जैसी महत्वपूर्ण पुस्तक की रचना की थी, जिसे नागरी प्रचारिणी सभा, काशी के द्वारा, पुस्तक के रूप में 1920 ई. में प्रकाशित किया गया था। इसका कई भाषाओं में अनुवाद हो चुका है।

    हिंदी व्याकरण के 4 खंड या भेद या प्रकार या भाग: (1) वर्ण विचार – इसके अंतर्गत ध्वनि और वर्ण, (2) शब्द विचार – इसके अंतर्गत शब्द के विविध पक्षों संबंधी नियमों, (3) वाक्य विचार – इसके अंतर्गत वाक्य संबंधी विभिन्न स्थितियों और (4) छंद विचार – इसमें साहित्यिक रचनाओं के शिल्पगत पक्षों पर विचार किया गया है।

    हिंदी व्याकरण में “भाषा, हिन्दी भाषा, वर्ण, शब्द, पद, काल, वाक्य, विराम चिन्ह, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रिया विशेषण, समुच्चय बोधक, विस्मयादि बोधक, वचन, लिंग, कारक, पुरुष, उपसर्ग, प्रत्यय, अव्यय, संधि, रस, छन्द, अलंकार, समास, विलोम शब्द, तत्सम-तद्भव शब्द, पर्यायवाची शब्द, अनेक शब्दों के लिए एक शब्द, एकार्थक शब्द, अनेकार्थक शब्द, युग्म शब्द...

    हिन्दी भाषा की सबसे छोटी इकाई ध्वनि या वर्ण (Sound or Alphabet) होती है, अतः हिन्दी ग्रामर में सबसे पहले “वर्ण विचार” पढ़ना चाहिए। यह हिन्दी व्याकरण पहला खंड है। इसमें ध्वनि और वर्ण, वर्णमाला, वर्ण के भेद (स्वर, व्यंजन, आयोगवाह), उपभेद, उच्चारण संबंधी नियमों इत्यादि के बारे में पढ़ना होता है।

    हिंदी व्याकरण (Hindi Grammar) किसी भी व्यक्ति या छात्र के लिए आवश्यक है जो हिन्दी भाषा को धाराप्रवाह बोलना, पढ़ना और लिखना चाहता है, और यह भारत में और भारत के बाहर भाषा शिक्षा का एक अभिन्न अंग है। ऐसे छात्र जो class 1, class 2, class 3, class 4, class 5, class 6, class 7, class 8, class 9, class 10, class 11, class 12 और अन्य class में हैं, और जिसम...

  2. व्याकरण वह विद्या है जिसके द्वारा हमे किसी भाषा का शुद्ध बोलना, लिखना एवं समझना आता है।. View details ».

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  4. Aug 17, 2023 · Hindi Vyakaran - Grammar with the terms Sangya, Sarvnam, Visheshan, Vilom, Paryayvachi, anek shabd, patr, nibandh, kahani lekhan example.

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